मशहूर शायर इफ्तेखार आरिफ की एक ग़ज़ल

मेरे खुदा मुझे इतना तो मोतबर कर दे मैं जिस मकान में रहता हूँ उसको घर कर दे   ये रोशनी के तआकुब में भागता हुआ दिन जो थक गया है तो अब उसको मुख्तसर कर दे   मैं ज़िंदगी की दुआ मॉंगने लगा हूँ बहुत जो हो सके तो दुआओं को बे-असर कर दे […]

कभी ख़त लिखना – नरेश हमिलपुरकर

व़क्त मिले तो कभी ख़त लिखना बेपनाह-बेशुमार मुहब्बत लिखना   तेरे सिवाय नहीं कोई मेरा जहॉं में तू भी मेरे लिए यही चाहत लिखना   फरिश्ता लिख कर मुझे ग़ैर मत बनावो हर व़क्त, हर ख़त में मुझे दोस्त लिखना   कुछ भी लिख दो ये हक है तुझे नरेश मगर दिल टूट जाये ऐसा […]

तरु लगाओ – लालता प्रसाद मिश्र लाल

शीतल छाया का सुख पाओ, सुन्दर फूल और फल खाओ अमल-विमल परिवेश बनाओ, भूमि प्रदूषण मुक्त कराओ सुत से बढ़कर सेवा करते, सदा जीवनी शक्ति संजोते सबसे बढ़कर प्रत्युपकारी, खुशबू से इनकी सुख पाओ तरु कम से कम पांच लगाओ। इनका अंग-अंग उपयोगी, करते हमको यही निरोगी सीख सदा ये सिखलाते हैं, जीवन में विनम्र […]

ग़ज़ल – विज्ञान व्रत

मैं कुछ बेहतर ढ़ूँढ़ रहा हूँ घर में हूँ घर ढ़ूँढ़ रहा हूँ घर की दीवारों के नीचे नींव का पत्थर ढ़ूँढ़ रहा हूँ जाने किसकी गर्दन पर है मैं अपना सिर ढ़ूँढ़ रहा हूँ हाथों में पैराहन थामे अपना पैकर ढ़ूँढ़ रहा हूँ मेरे कद के साथ बढ़े जो ऐसी चादर ढ़ूँढ़ रहा हूँ

चेतना – डॉ मोहम्मद जमील अहमद

अन्याय को सहना नहीं उभरें एक शक्ति बनकर देश की रक्षा के लिए विघटित होते मानव मूल्यों को फिर स्थापित कर ताकि दूर हो सामाजिक भेदभाव कार्य हो निःस्वार्थ धर्म कभी खोना नहीं सच्चाई के लिए, अच्छाई के लिए प्रण लें, विदेशी संस्कृति को त्याग कर देश में आदर्श संस्कृति का हो संचार न्याय, नीति, […]

कर्मभूमि – इकबाल वफ़ा

कर्मभूमि पर जिंदा रहने तक तन मन से प्रेम का दीप जलाना है   चलो जवानों जागो, कैसी गहरी नींद में सोते हो पर्वत को तुम राई बनाओ, अपने अच्छे विचार से शत्रु को भी मित्र बनाओ, प्रेम से दुलार से   वो प्यारी धरती जिस पे हम जीते हैं खुशी प्रेम के कितने प्याले […]

कुछ ऐसा था – संजय कुंदन

कुछ ऐसा था जो अब भी हम लोगों को एक-दूसरे से जोड़ता था अब भी हम एक-दूसरे की जरूरत थे अब भी खत्म नहीं हुई थी संवाद की गुंजाइश अब भी कुछ ऐसा था हम लोगों के बीच जो हत्यारे की पकड़ से बाहर था जिस पर हत्यारे का हाथ चलना नामुमकिन था और इसलिए […]

कन्हैयालाल नंदन की ग़ज़ल

जो कुछ तेरे नाम लिखा है, दाने-दाने में वह तुझे ही मिले चाहे रखा हो तहखाने में   तूने इक फरियाद लगायी उसने हफ्ता भर मांगा कितने हफ्ते और लगेंगे उस हफ्ते के आने में एक दिए की िजद है आँधी में भी जलते रहने की हमदर्दी हो तो फिर हिस्सेदारी करो बचाने में   […]

तीन लोकों का रहस्य

तीन लोकों का रहस्य

आत्मा के धाम को जानने के लिए तीन लोकों का ज्ञान जरूरी है। परमात्मा को त्रिलोकीनाथ भी कहते हैं ना। तो क्या आप जानते हैं कि वह तीन लोक कौन-कौन से हैं और उनमें से किस लोक से आत्मा इस सृष्टि मंच पर आयी है? यहॉं तीन लोक का चित्र देखिए। परमपिता परमात्मा ने हमें […]

चॉंद से लौटे तब यूँ हुआ

चॉंद से लौटे तब यूँ हुआ

धरती के प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा पर मानव का पहली बार पहुँचना एक अद्भुत एवं ऐतिहासिक घटना थी। इस अंतरिक्ष यान की वापसी पर जब इसके यात्री वापस धरती पर पहुँचे तो उन्हें 17 दिन के लिए संगरोध में रखा गया। उनके द्वारा चंद्रमा से लाए गए नमूनों को भी उनके साथ संगरोध में ही रखा […]