बावन शक्तिपीठ

बावन शक्तिपीठ

पुराणों के अनुसार सती के शव के विभिन्न अंगों से बावन शक्तिपीठों का निर्माण हुआ था। इसके पीछे यह अन्तर्कथा है कि दक्ष प्रजापति ने कनखल (हरिद्वार) में “बृहस्पति सर्व’ नामक यज्ञ रचाया। उस यज्ञ में ब्रह्मा, विष्णु, इंद्र और अन्य देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया, लेकिन जान-बूझकर अपने जमाता भगवान शंकर को नहीं बुलाया। […]

आचार्योपासना

आचार्योपासना

जिनका ज्ञान उनके आचरण से उजागर होता है, उन्हें आचार्य कहा जाता है। ऐसे आचार्य ज्ञान-प्राप्ति की इच्छा रखने वाले को साधना का पथ दिखाते हुए, उसे योग्य आचरण की शिक्षा देते हैं। सत् गुरु द्वारा बताये गये पथ पर अग्रसर होकर साधना करना तथा उसी को आचरण में लाना ही आचार्योपासना कहलाता है। साधना […]

तेगबहादुर का बलिदान

तेगबहादुर का बलिदान

मर कर दिखा गये, तेगबहादुर एक राह। रही हृदय में धधकती, बादशाह की दाह।। सिखों के नौवें गुरु का नाम था तेगबहादुर, जिनका स्मारक दिल्ली के चांदनी चौक में आज भी अवस्थित है। तेगबहादुर के बलिदान की गाथा सिखों में आज भी बहुत गौरव से गायी जाती है। बात उस समय की है, जब यहॉं […]

शनि के पौराणिक व ज्योतिषीय पहलू

शनि के पौराणिक व ज्योतिषीय पहलू

पद्म पुराण के मतानुसार शनिदेव सूर्य के पुत्र हैं, जो उनकी छाया नामक पत्नी से उत्पन्न हुए हैं। पिता की आज्ञा से शनिदेव ग्रह बने तथा अपनी पत्नी के श्राप की वजह से उन्हें ाूर रूप प्राप्त हुआ। कहा जाता है कि शनि की पत्नी चित्ररथ गंधर्व की कन्या थी, जो उग्र स्वभाव की थी। […]

सहज योग आज का महायोग कैसे

सहज योग आज का महायोग कैसे

मानव इतिहास में यह पहली बार घटित हुआ है कि बिना किसी प्रयत्न के, पूर्ण हृदय से की गयी प्रार्थना मात्र से ही आप अपना आत्मसाक्षात्कार प्राप्त करते हैं व आपका चित्त पूर्ण रूप से शांत हो जाता है। आप निर्विचारिता के साथ-साथ हाथों में शीतल चैतन्य लहरियों का अनुभव करते हैं जो कि पहले […]

पितामह भीष्म की कृष्ण-भक्ति

पितामह भीष्म की कृष्ण-भक्ति

कुरुक्षेत्र की पवित्र एवं कर्म प्रधान-भूमि में धर्मरथ रथी पांडवों एवं अधर्म रूपी रथ में आरूढ़ कौरवों के मध्य छिड़े युद्ध में अभूतपूर्व अतिरथी पितामह ने बाणों की शय्या पर लेटे हुए अपने अंतिम समय में भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण करते हुए अश्रुपूरित नेत्रों से कहा कि “”हे प्रभु! मुझे उस समय आपके मुख-मण्डल की […]

ज्ञान की प्राप्ति में साधना का महत्व

ज्ञान की प्राप्ति में साधना का महत्व

हर कोई चाहता है कि ज्ञानवान बने। इसके लिए अधिक से अधिक पढ़ाई करते हैं। लेकिन क्या कोई पढ़ने मात्र से ज्ञानी बन सकता है? वैदिक परम्परा से भारत को जो ज्ञान मिला है, वह विश्र्व का सर्वोत्कृष्ट ज्ञान है। इस ज्ञान को प्राप्त करने के लिए बड़ी-बड़ी किताबें नहीं पढ़नी पड़तीं। यह ज्ञान आत्मचेतना […]

देवताओं का सूक्ष्म लोक

देवताओं का सूक्ष्म लोक

इस मनुष्य-सृष्टि के पार, सूर्य और तारागण के पार, आकाश तत्व के भी पार एक और लोक है, जहॉं ब्रह्मा, विष्णु और शंकर अपनी-अपनी सूक्ष्म पुरियों में वास करते हैं। इस लोक को “सूक्ष्म लोक’ अथवा “आकारी देवताओं की दुनिया’ भी कहते हैं, क्योंकि यहां जो देवता वास करते हैं, उनके हमारी तरह कोई स्थूल […]

देवास माता टेकरी जहॉं माताएँ जागृत अवस्था में विराजमान हैं

देवास माता टेकरी जहॉं माताएँ जागृत अवस्था में विराजमान हैं

देवास टेकरी पर स्थित मॉं भवानी का यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है। लोक मान्यता है कि यहां देवी मां के दो स्वरूप अपनी जागृत अवस्था में हैं। इन दोनों स्वरूपों को छोटी मॉं और बड़ी मॉं के नाम से जाना जाता है। बड़ी मॉं को तुलजा भवानी और छोटी मॉं को चामुण्डा देवी का स्वरूप […]

आस्था की झील में प्रेम-पुष्प

आस्था की झील में प्रेम-पुष्प

आस्था का संबंध व्यक्ति के विश्र्वास के साथ जुड़ा है। एक ऐसा विश्र्वास, जिसकी गहराई अथाह है। एक ऐसी भावना, जिसके चलते कोई भी मनुष्य समर्पण के सारे बन्धन तोड़ देता है। आस्था कोई अंधविश्र्वास का नाम या रूप नहीं है। इसका संबंध प्रेम से है। प्रेम के विकृत रूप से नहीं अपितु प्रेम के […]