परम पराक्रमी व पापशमनकर्ता भगवान् नृसिंह

परम पराक्रमी व पापशमनकर्ता भगवान् नृसिंह

भारतीय परंपराओं एवं पौराणिक श्रुति-स्मृतियों के अनुसार भगवान विष्णु ने समय-समय पर अद्भुत अवतार लेकर पापों का नाश कर धर्म की पुनर्स्थापना की। देश के अलग-अलग राज्यों के क्षेत्रों में अपने-अपने आराध्य देवी-देवताओं का पूजन-अर्चन करने की मान्यताएँ प्राचीनकाल से चली आ रही हैं। जहां हिमाचल प्रदेश में माता दुर्गा के नव-रूपों की अगाध श्रद्धापूर्वक […]

भगवान विष्णु का स्वप्न

भगवान विष्णु का स्वप्न

एक बार भगवान नारायण वैकुण्ठलोक में सोये हुए थे। उन्होंने स्वप्न में देखा कि करोड़ों चन्द्रमाओं की कांतिवाले, त्रिशूल-डमरू-धारी, स्वर्णाभरण-भूषित, सुरेन्द्र-वन्दित, सिद्धिसेवित त्रिलोचन भगवान शिव प्रेम और आनन्दातिरेक से उन्मत्त होकर उनके सामने नृत्य कर रहे हैं। उन्हें देखकर भगवान विष्णु हर्ष से गद्गद् हो उठे और अचानक उठकर बैठ गये, कुछ देर तक ध्यानस्थ […]

भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठता उसकी वेद विद्या के कारण

भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठता उसकी वेद विद्या के कारण

दुनिया में जितने भी देश हैं, सबकी अपनी-अपनी विशेषताओं के कारण पहचान है। भारत की पहचान उसका अपना वैदिक ज्ञान है। इसी वेद-विज्ञान के कारण भारत और भारतीय-संस्कृति की विश्र्वभर में श्रेष्ठता के साथ पहचान बनी है। आज का युग विज्ञान और वैज्ञानिकता का युग है। आज पूरे विश्र्व में भारत के वेद-विज्ञान की वैज्ञानिकता […]

देवदारों से घिरा चंद्रशेखर मंदिर

देवदारों से घिरा चंद्रशेखर मंदिर

हिमाचल प्रदेश में चंबा नगर के साथ कलकल बहती रावी नदी के पार लगभग बीस किलोमीटर की दूरी पर बसा है साहू या साहो गॉंव। एक ऐतिहासिक और अपनी तरह का एकमात्र मंदिर यहॉं होने के कारण यह गॉंव अत्यंत प्रसिद्ध है। इस पर्वतीय क्षेत्र में यह मंदिर देवदार के विशाल वृक्षों से घिरा हुआ […]

गायत्री महामंत्र में समाहित दर्शन एवं शिक्षण

गायत्री महामंत्र में समाहित दर्शन एवं शिक्षण

देव-संस्कृति को गायत्री महामंत्र का उद्गम माना गया है। पुराणों में कथा है कि सृष्टि के आदि में जब ब्रह्माजी को विश्र्व-ब्रह्मांड की संरचना का काम सौंपा गया तो वे विचारने लगे कि मैं एकाकी उस महान कार्य को कैसे संपन्न करूं? न उस कार्य का ज्ञान है और न ही अनुभव। न साधन हैं, […]

संचार-क्रान्ति के प्रवर्तक महर्षि नारद

संचार-क्रान्ति के प्रवर्तक महर्षि नारद

महर्षि नारद का नाम सुनने पर आमतौर पर सामान्यजन की भृकुटी तन जाती है। उसके मन-मस्तिष्क में इस नाम से जुड़ी उस मानुष की तस्वीर उभर आती है, जो हास्य का पर्याय हो और जिसे इधर-उधर की बात करने की आदत पड़ी हो। यह स्थिति इस कारण बनती है कि ऐसे लोग महर्षि नारद के […]

सत्य की खोज में

सत्य की खोज में

नगर की खुली चौड़ी सड़क पर एक रथ चला जा रहा था। एक अत्यन्त तेजस्वी राजकुमार उस रथ की शोभा बढ़ाते हुए, चारों तरफ बड़ी कौतुहलपूर्ण दृष्टि से देख रहा था। बसंत का समय था। चारों तरफ प्रकृति के सौन्दर्य की दिव्य शोभा छायी हुई थी। पुष्पों की सुगन्ध अनायास ही मन को मोह लेती […]

पवित्रता की दौड़

पवित्रता की दौड़

आपने स्कूलों, कॉलेजों और विश्र्वविद्यालयों में बच्चों की दौड़ देखी होंगी, जिसमें उन्हें कई प्रकार की बाधाएँ पार करनी पड़ती हैं। जैसे कि छोटी-सी दीवार, अग्नि-रिंग, कोई छोटा नाला इत्यादि। इस दौड़ को “ओब्स्टेकल रेस’ अर्थात् बाधा-युक्त दौड़ कहते हैं। इस दौड़ का लक्ष्य होता है, कुछ शारीरिक बल और स्फूर्ति द्वारा इनाम प्राप्त करना। […]

जैसा आचार, वैसा विचार जैसा लक्ष्य, वैसे लक्षण

जैसा आचार, वैसा विचार जैसा लक्ष्य, वैसे लक्षण

वैज्ञानिकों ने विद्युत, चुम्बकत्व, प्रकाश, ध्वनि और उष्मा इन शक्तियों को जान कर बड़े-बड़े आविष्कार किये हैं। इससे उन्होंने समाज को बहुत प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध कराई हैं। पदार्थ जगत में अणु के विस्फोट से भी एक बहुत बड़ी शक्ति को हासिल किया गया है। इन शक्तियों को अपने नियंत्रण में लाकर इनके द्वारा अद्भुत […]

क्षमा : जिसमें समाहित हैं कई गूढ़ अर्थ

क्षमा : जिसमें समाहित हैं कई गूढ़ अर्थ

किसी को क्षमा करना या किसी व्यक्ति से क्षमा मॉंगना दोनों ही कार्य अत्यधिक साहस, हिम्मत व विशाल हृदय होने पर ही पूर्ण हो सकते हैं। क्षमा की सीधी-सादी परिभाषा है – माफ करना या अपने कृत्य के लिए माफी मॉंगना अथवा प्रायश्र्चित करना। दूसरों की भूल को क्षमा करना फिर भी आसान है, परंतु […]